Monday, 4 April 2016

Irfan habib/इरफान हबीब

इरफान हबीब नालायक क्यों ?
बहुत मजे किये वामपंथी इतिहासकारों ने कांग्रेस शासनकाल में।वेद से लेकर राम मंदिर , शिवाजी , गुरु गोविंद सिंह , गुरु तेगबहादुर , महाराजा सूरजमल किसी को भी नहीं बक्शा।कुछ भी अनर्गल लिख दिया और इसे ही केंद्रीय विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल भी कर लिया। इसी गिरोह का सरगना है इरफान हबीब।अपने ही जैसे जेएनयू के दूसरे इतिहासकार विपिन चंद्रा स्मृति व्याख्यान माला में हबीब साहेब ने पिछले सोमवार जेऐनयू में कहा कि भारत माता की अवधारणा मध्यकालीन या प्राचीन भारत में कहीं नहीं मिलती। यह यूरोप से आयातित है।चूंकि मोदी सरकार में ऐसे फर्जी इतिहासकारों को हटाकर गलतियां सुधारी जा रही हैं तो मार्क्स ने इन्हें अपनी कब्र से दुबारा काटना शुरू कर दिया है।आइये इस अज्ञानी को बतायें कि भारत माता मार्क्सवाद की तरह कोई आयातित अवधारणा नहीं है । इसका आधार वेद है।
" पृथिवी मातोप मां पृथिवी माता ह्वयताम् || (यजुर्वेद २/१०)
नमो मात्रे पृथिव्यै नमो मात्रे पृथिव्यै ||
कृष्यै त्वा क्षेमाय त्वा रय्यै त्वा पोषाय त्वा || (यजुर्वेद ९/२२)
माता भूमि: पुत्रो अहम् पृथिव्या: || अथर्ववेद १२/०१/१२
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वेद की दृष्टि में पृथिवी सबकी माता है और सब स्त्री-पुरुष उसके पुत्र हैं |
(साभार: विश्वप्रिय आचार्यजी की पोस्ट)
संघ प्रमुख मोहन भागवत जी ने जेएनयू के राष्ट्रदोही तत्वों के लिये ही कहा था कि अब इन्हें भारत माता की जय बोलना सिखाना पड़ेगा।लेकिन चोर की दाढ़ी में तिनका होने के कारण ओवैसी ने इसे इस्लाम पर लेकर विरोध किया।अपने मुस्लिम भाई ओवैसी और अपने दीन इस्लाम का अप्रत्यक्ष बचाव करते हुये ही वामपंथी हबीब ने पुन: लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया।इसी मुद्दे पर पंडित महेंद्र पाल आर्य जी ने कुरान के हवाले से ही साबित कर दिया कि भारत मुसलमानों की भी माता है। कैसे ?
अल्लाह ने पहला मुसलमान आदम मिट्टी से ही बनाया।तो फिर इनके प्रथम माता पिता धरती ही हुयी । आदम हौवा की संतानों से मुसलमानों की जमात बढ़ी। जाहिर है कि इसके चलते धरती मुसलमानों की माता साबित हो गई। पंडित जी आगे लिखते हैं :
" देखो कुरान में अल्लाह ने क्या फ़रमाया ? सूरा ताहा ,आयत 55 - उसी से हमने तुम्हें पैदा किया और उसी में हम तुम्हें लौटाते है और उसी से तुम्हें दूसरी बार निकालेंगे।'
क्या अभी भी कोई कसर रह गयी ? जिस जमीन से हम पैदा हुए जिसने हमें जन्म दिया तो क्या वह माँ नहीं हुई? अभी हैदराबाद में किसी मदरसे के मुफ़्ती ने कहा हम धरती को माँ नही कह सकते। जिस धरती ने हमें जन्म दिया उसी धरती को हम माँ नहीं कहेंगे तो माँ से लायक पुत्र होंगे अथवा नालायक पुत्र ठहरेंगे? "

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