संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ( अंग्रेज़ी : यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड, लघुनाम: यूनीसेफ ) की स्थापना का आरंभिक उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध में नष्ट हुए राष्ट्रों के बच्चों को खाना और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना था। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने
११ दिसंबर , १९४६ को की थी।[1] १९५३ में यूनीसेफ, संयुक्त राष्ट्र का स्थाई सदस्य बन गया। उस समय इसका नाम यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रेंस फंड की जगह यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड कर दिया गया।[2] इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है। वर्तमान में इसके मुखिया ऐन वेनेमन है। यूनीसेफ को १९६५ में उसके बेहतर कार्य के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। १९८९ में संगठन को इंदिरा गाँधी शांति पुरस्कार भी प्रदान किया गया था। [3] इसके १२० से अधिक शहरों में कार्यालय हैं और १९० से अधिक स्थानों पर इसके कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्तमान में यूनीसेफ फंड एकत्रित करने के लिए विश्व स्तरीय एथलीट और टीमों की सहायता लेता है।
यूनीसेफ का सप्लाई प्रभाग कार्यालय
कोपनहेगन , डेनमार्क में है। यह कुछ महत्वपूर्ण सामान जैसे जीवन रक्षक टीके, एचआईवी पीड़ित बच्चों व उनकी माताओं के लिए दवा, कुपोषण के उपचार के लिए दवाइयां, आकस्मिक आश्रय आदि के वितरण की प्राथमिक जगह होती है। ३६ सदस्यों का कार्यकारी दल यूनीसेफ के कामों की देखरेख करता है। [1] यह नीतियाँ बनाता है और साथ ही यह वित्तीय और प्रशासनिक योजनाओं से जुड़े कार्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान करता है। वर्तमान में यूनीसेफ मुख्यत: पांच प्राथमिकताओं पर केन्द्रित है। बच्चों का विकास, बुनियादी शिक्षा, लिंग के आधार पर समानता (इसमें लड़कियों की शिक्षा शामिल है), बच्चों का हिंसा से बचाव, शोषण, बाल-श्रम के विरोध में, एचआईवी एड्स और बच्चों, बच्चों के अधिकारों के वैधानिक संघर्ष के लिए काम करता है।
Tuesday, 29 March 2016
Unichef
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