भूतेश्वरनाथ शिवलिंग को सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग माना जाता है।
रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से तकरीबन 95 किमी दूर > गरियाबंद के पास प्रसिद्ध भूतेश्वरनाथ महादेव शिवलिंग को विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग माना जाता है। इसे छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की सूची में शामिल किया गया है। कहा जाता है कि शिवलिंग की बहुत पहले ऊंचाई 3 फुट ही थी और वर्तमान में इसकी ऊंचाई करीब 70 फीट है। >1996 में 62 फीट थी ऊंचाई अब है 70 फीट...
शिवलिंग का आकार हर वर्ष बढ़ने के बारे में भूतेश्वरनाथ महादेव समिति के सदस्य महेश सिन्हा से पूछने पर उन्होंने बताया कि 1996 में समिति के लोगों ने इस शिवलिंग कि ऊंचाई सबके सामने मापी थी, तब इसकी ऊंचाई लगभग 62 फीट थी, फिर पिछले साल महाशिवरात्रि पर नापने पर इसकी ऊंचाई 70 फीट हो चुकी है।
सिन्हा का यह भी कहना है कि पूर्व में जब वह इस शिवलिंग पर तिलक करने सीढ़ी में मात्र पांच पायदान चढ़ने पड़ते थे परंतु वर्तमान में लगभग 18 से 20 पायदान चढ़ना पड़ते है।
रोजाना रात को अाती है बैलों के हुंकारने की आवाज------
आस्थावान लोगों के बीच यह भी चर्चा होती है कि जिस स्थान पर यह शिवलिंग विराजमान है, उस स्थान पर रोज रात को बैल के हुकरने जैसे छत्तीसगढ़ी में भुकराने कहते है, की आवाज आया करती थी।
जिसके चलते इस जगह का नाम भकुर्रा महादेव पड़ा।
==> भूतेश्वरनाथ को भकुर्रा महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
>25 साल से लगातार चल रहा भंडारा
-यहां पर महाशिवरात्रि को विशाल भंडारा होता है।
-गरियाबंद के स्व. बखत्मल रोहरा का परिवार यहां बीते 25 वर्षों से लगातार भंडारा का आयोजन कर रहा है।
-आयोजन से जुड़े वीरदास रोहरा के अनुसार पहले साल के 25 साल पहले के आयोजन में लगभग 500 लोगों ही शामिल हुए थे और लगभग 1 क्विंटल चावल लगा था।
-अब समय बीतने के साथ लगभग 25 क्विंटल चावल, 25 क्विंटल सब्जी और 10 क्विंटल बूंदी लगती है।
-जिसमें लगभग 30 हजार श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाता है।
-वीरदास के अनुसार भंडारे में पिछले 25 सालों में कभी भी अनाज की कमी नहीं हुई बल्कि हर वर्ष लोगों की तादात बढ़ने के बाद भी भोजन की मात्रा भी बढ़ती जा रही है।
महाशिवरात्रि पर यहां हजारों शिवभक्त दूर-दूर से दर्शन करने पहुंचते हैं।
-इस मौके पर यहां होने वाले भंडारा में करीब 30 हजार लोगों को भोजन कराने की व्यवस्था की जाती है।
-गरियाबंद नगर व आसपास के कई गांवों के अलावा बड़ी संख्या में प्रदेश के अन्य हिस्सों के लोगों के लिए भी भूतेश्वरनाथ महादेव प्रमुख आस्था का केंद्र है।
==> शिवलिंग की ऊंचाई 1996 में 62 फीट थी जो अब 70 फीट है।
>आसपास के 16 गांव के जिम्मे व्यवस्था
-भूतेश्वरनाथ महादेव स्थल की देखरेख और यहां होने वाले सभी कार्यक्रम आसपास के 16 गांवों के 81 सदस्यों की भूतेश्वरनाथ महादेव समिति करती है।
-आज तक इस क्षेत्र में जितने भी निर्माण हुए है उसमें ज्यादातर निर्माण इसी समिति ने कराए हैं।
-समिति के लोगों को इस बात का मलाल है कि छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंडल में इस स्थान का नाम होने के बावजूद शासन की तरफ से यहां के विकास के लिए अब तक किसी तरह कि कोई सहायता दी गई है।
==> भूतेश्वरनाथ शिवलिंग को छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की सूची में शामिल किया गया है।
>सपने में दिखाई दी थी यह जगह
-इसके बारे में प्रचलित है कि इसकी ऊंचाई पहले कम होने से लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं थी, लेकिन शोलापुर की एक दंपति को सपने में यह जगह दिखाई दी।
- उस दंपत्ति ने यहां पहुंचकर इस जगह को ढूंढा और पूजा की।
-उसी समय छुरा राजघराने ने भी इसकी पूजा शुरू कर दी और धीरे-धीरे इस बात की पूरे इलाके चर्चा होने लगी और तब से यहां दिनोंदिन दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
-हर रविवार ही यहां शिवभक्तों की काफी भीड़ लगती है।
==> कहा जाता है कि शिवलिंग की बहुत पहले ऊंचाई 3 फुट ही थी और वर्तमान में इसकी ऊंचाई करीब 70 फीट है।
कहा जाता है कि शिवलिंग की बहुत पहले ऊंचाई 3 फुट ही थी और वर्तमान में इसकी ऊंचाई करीब 70 फीट है।
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