Sunday, 1 January 2017

भारतीय नव वर्ष एवं आधारहीन नकली नव वर्ष (1जनवरी 2017)

# भारतीय_नववर्ष_बनाम_नकली_नववर्ष
वर्तमान परिवेश मे पश्चिम का अन्धानुकरण करते हुए हम ३१ दिसम्बर की रात को कडकडाती हुए ठण्ड मे नव वर्ष काँप काँप कर मनाते है.. पटाके फोडते है, मिठाइयाँ बाटते है अशलीलता कामुकता भरी पार्टियो मे जाते है, और शुभकामना सन्देश भेजते है.. कही कही मास मदिरा तामसी भोजन का प्रावधान भी होता है.. अश्लील नृत्य इत्यादि इत्यादि फिर भी हमे ये युक्तिसंगत लगता है.. विश्व मे हजारो सभ्यताएं हुई है और हजारो पद्धतियाँ है सबकी अपनी अपनी शायद ३१ दिसम्बर की रात या १ जनवरी को नव वर्ष मनाने का कोई वैज्ञानिक आधार हो, मगर मैंने आज तक नही देखा। फिर भी ये यूरोप और अमरीका की अपनी पद्धति है, मगर हमारी दुम हिलाने की आदत गयी नही आज तक, शुरू कर देते है पटाके फोडना.. विडंबना ये है की क्या कभी आप ने किसी यूरोपियन या अमेरिकी को भारतीय नव वर्ष मानते देखा है.. मे ये कहना जरुरी समझता हूँ की १ जनवरी को कुछ भी वैज्ञानिक दृष्टि से नवीन नही होता मगर फिर भी नव वर्ष होता है।
# भारतीय_नववर्ष_का_धार्मिक_एवं_स
ांकृतिक_आधार :
१ ऐसी मान्यता है की सतयुग का प्रथम दिन इसी दिन शुरू हुआ था।
२ एक अन्य मान्यता के अनुसार ब्रम्हा ने इसी दिन सृष्टि का सृजन शुरू किया था।
३ भारत के कई हिस्सो मे गुडी पडवा या उगादी पर्व मनाया जाता है, इस दिन घरो को हरे पत्तो से सजाया जाता है और हरियाली चारो और दृष्टीगोचर होती है।
४ मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का राज्याभिषेक आज के ही दिन हुआ।
५ माँ दुर्गा की उपासना की नवरात्र व्रत का प्रारम्भ आज के दिन से होता है, हम प्रतिपदा से प्रारंभ कर नौ दिन मे (प्रथम नवरात्री) छह मास के लिए शक्ति संचय करते है, फिर अश्विन मास की नवरात्रि मे शेष छह मास के लिए शक्ति संचय करते है।
६ महाराज विक्रमादित्य ने आज के ही दिन राष्ट्र को सुसंगठित कर शको की शक्ति का उन्मूलन कर देश से भगा दिया और उनके ही मूल स्थान अरब में विजयश्री प्राप्त की। साथ ही यवन, हूण, तुषार, पारसिक तथा कंबोज देशो पर अपनी विजय ध्वजा फहराई।
इस वर्ष पश्चिमी कलेंडर के अनुसार ये वर्ष २८ मार्च २०१७ को शुरू होगा।
मित्रों मैकाले की अंग्रेजी शिक्षा पद्धति की मानसिक गुलामी पीढ़ियों से हमारे ऊपर हावी है अतः ऐसा संभव है हमारे आपके या मैकाले के मानस पुत्रों के विचार मे भारतीय नव वर्ष का सांस्कृतिक और धार्मिक आधार कपोल कल्पित हो तो उस समस्या के समाधान के लिए मैंने भारतीय नव वर्ष के सन्दर्भ मे कुछ वैज्ञानिक और प्राकृतिक तथ्य संकलित किये है जो अपेक्षाकृत आसानी से दृष्टिगोचर एवं वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है...

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